पर्यटन

कैलॉन्ग (3080 मीटर)
कैलॉन्ग लाहौल इलाके का सबसे बड़ा कस्बा है। यह लाहौल का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। मनाली से लगभग 125 किलोमीटर की दूर स्थित कैलॉन्ग स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटकों के लिए भी महत्वपूर्ण केंद्र है। मनाली से लद्दाख जाने के लिए कैलॉन्ग से गुजरना पड़ता है। यहां सरकारी और प्राइवेट कई गेस्ट हाउस और होटल हैं। मनाली से यहां आने के लिए रोहतांग दर्रा पार करना पड़ता है। नवंबर से मई तक रोहतांग पास के बंद होने की वजह से कैलॉन्ग आना-जाना संभव नहीं हो पाता। हर साल जुलाई में यहां एक स्थानीय उत्सव मनाया जाता है।  

कुंज़ुम ला  (4,550 मीटर / 14,931 फीट)
पास या दर्रे को यहाँ स्थानीय भाषा में ला कहा जाता है। कुंज़ुम ला स्पीति का प्रवेश द्वार है। अगर मनाली की तरफ से स्पीति जाएँ तो लाहौल को पार करते हुए सबसे पहले कुंज़ुम दर्रा आता है। इस दर्रे से दुनिया का दूसरा बड़ा ग्लेशियर 'बड़ा-सिगड़ी' देखा जा सकता है। यहाँ से बर्फ से ढकी चन्द्र और भागा पर्वत श्रृंखलाओं का विहंगम दृश्य भी मिलता है। कुंजुम को पार करते ही बंजर ज़मीन का एहसास होने लगता है। यही है स्पीति। यहाँ का नज़दीकी   है  यहाँ से  
चेतावनी - कुंज़ुम ला पर ज्यादा देर तक न रुकें।

चंद्र ताल (4270 मीटर)
हिमालय की सबसे खूबसूरत झीलों में चंद्र ताल का नाम भी लिया जाता है। साफ-सुथरी और बहुत गहरी होने की वजह से इसका पानी नीले रंग का नज़र आता है। इसके चारों ओर हरी घास का मैदान और नीले पानी में आसपास के गगनचुंबी हिमशिखरों का प्रतिबिंब अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। यहीं से चंद्र नदी का उद्गम होता है। बताया जाता है कि इसके चारों ओर स्थित घास का मैदान कभी ग्लेश्यिर होता था। इसकी ढाई किलोमीटर लंबी परिधि पर 3000 से 6300 मीटर ऊंचे पर्वत हैं। कैंपिंग और फोटोग्राफी करने वालों के लिए चंद्रताल बेशक आदर्श जगह है। वैसे ट्रेकिंग और माउंटेनियरिंग करने वाले भी यहां आते हैं। 

काज़ा (3600 मीटर)
काज़ा स्पिती का सबसे बड़ा कस्बा है। यह स्पिती का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। प्राचीन समय से ही काज़ा पूरे इलाके के लिए काफी महत्वपूर्ण होता था। यह कस्बा कभी स्पिती के मुखिया - नोनो की राजधानी था। स्पिती नदी के किनारे स्थित इस जगह पर मशहूर बौद्ध मठ और मंदिर हैं। पेट्रोल पंप, होटल, गेस्ट हाउस और बाज़ार की सुविधा होने की वजह से स्पिती घूमने आने वाले ज्यादातर पर्यटक यहीं ठहरते हैं। आसपास के इलाके के ज्यादातर निवासी खरीद-फरोख्त के लिए काज़ा के बाज़ार में ही आते हैं। 

कॉमिक (4587 मीटर)
कॉमिक दुनिया का सबसे ऊंचा गांव है, जो सड़क से जुड़ा है। स्पीति के प्रशासनिक मुख्यालय काज़ा से करीब डेढ़-दो घंटे के सफर के बाद यहां पहुंचा जा सकता है. 
आसपास के गांव हिक्किम और लांग्ज़ा हैं। यहां के घर तिब्बती शैली में बने होने की वजह से सभी गांव एक जैसे दिखते हैं। जीवनयापन के लिए यहां के निवासी मुख्यतः कृषि पर निर्भर करते हैं। ज्यादातर लोग आलू और मटर की खेती करते हैं। कॉमिक से जुड़ा वीडियो यहां देखें 

हिक्किम
यह दुनिया का सबसे ऊंचा गांव है, जिसका अपना पोस्ट ऑफिस यानी डाकघर है। विस्तृत जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें। (www.hikkim.blogspot.in)
हिक्किम से जुड़ा वीडियो यहां देखें 

ताबो (3050 मीटर)
स्पिती के दक्षिण और स्पिती नदी के तट पर बसा ताबो स्पिती का दूसरा प्रवेश द्वार है। अगर शिमला की ओर से लाहौल-स्पिती आएं तो स्पिती का पहला कस्बा ताबो पड़ता है। कहा जाता है कि ताबो गोंपा (मोनेस्ट्री) का खासा महत्व है। यह स्पिती का सबसे बड़ा गोंपा है। तिब्बत में थोलिंग गोंपा के बाद बौद्ध धर्म के अनुयायियों में इसकी बहुत मान्यता है। इसके महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने इसे संरक्षित घोषित किया हुआ है, जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की है। इसे हिमालय का अजंता भी कहा जाता है। 

पिन घाटी
हिमालय के एक बेहद खूबसूरत घाटी है - पिन। यहां भी कई खूबसूरत और महत्वपूर्ण गोंपा स्थित हैं। ट्रेकिंग और पर्वतारोहण करने वाले यहां अक्सर आते रहते हैं। यहां के जंगलों में बर्फीले इलाकों का तेंदुआ और आइबैक्स पाए जाते हैं। ये दोनों जानवर अब विलुप्ति के कगार पर हैं।