लाहौल और स्पीति हिमाचल प्रदेश के सुदूर इलाकों में से हैं। इन्हीं इलाकों के नाम पर जिले का नाम लाहौल-स्पीति रखा गया है। लाहौल भाग 
का मुख्यालय कैलोंग है और स्पीति का मुख्यालय काज़ा है।

कहाँ स्तिथ है ?
यह जिला भारत की उत्तरी सीमा के साथ स्थित होने की वजह से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके पूर्व में तिब्बत, उत्तर में जम्मू-कश्मीर, दक्षिण में कुल्लू और पश्चिम में चम्बा है। 

इतिहास 
 
पहले लाहौल और स्पीति अलग--अलग जिले होते थे। इस जिले का गठन 1 जुलाई 1960 को हुआ। कांगड़ा जिले के कुल्लू सब डिवीजन में से लाहौल व स्पीति तहसीलों को निकाल नया जिला बनाया गया। पंजाब राज्य के पुनर्गठन पर 1966 में यह पूरा इलाका हिमाचल प्रदेश में शामिल कर लिया गया। सन 1975 में चम्बा जिले की चार पंचायतें तिन्दी,
 उदयपुर, त्रिलोकनाथ और मियाडनाला भी इस जिले में शामिल कर ली गईं। 


काज़ा : वीडियो यात्रा



लाहौल-स्पीति की भूमि को देवी-देवताओं की घाटी माना जाता है। इस क्षेत्र में कई प्राचीन मंदिर और गोम्पा हैं। पर्यटन की दृष्टि से लाहौल-स्पीति अब दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं। हर साल हजारों की संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक इस जिले में घूमने आते हैं। 


अद्भुत लाहौल-स्पीति 
दुनिया की सबसे ऊंची सडकों में लाहौल-स्पीति की सडकों का नाम लिया जाता है। दुनिया का सबसे ऊंचा डाकघर/पोस्ट ऑफिस यहाँ  हिक्किम नाम के गाँव में है, जो समुद्र तल से लगभग 4,500 मीटर की ऊँचाई पर स्तिथ है। कहा जाता है कि सड़क से जुड़ा हुआ दुनिया का सबसे ऊंचा गाँव भी इसी जिले में स्तिथ है। किब्बर गाँव लगभग 4,270 मीटर की ऊँचाई पर है।
प्रशासन 
सारा ज़िला संविधान के अंतर्गत अनुसूचित अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र है। इलाक़े का विकास तेज़ी से हो सके इसके लिए सरकार ने यहाँ इकहरी शासन प्रणालीअपनाई है। उपायुक्त यानी 
डीसी केलांग तथा स्पिति में अतिरिक्त उपायुक्त काज़ा को आवासीय उपायुक्त यानी रेज़ीडेंट कमिश्नर की शक्तियां दी गई हैं।

क्षेत्रफल 
लाहौल और स्पीति ज़िला 13,835 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो पूरे हिमाचल प्रदेश राज्य का 24.85 प्रतिशत है। इस हिसाब से ये जिला हिमाचल का सबसे बड़ा ज़िला है।

जनसँख्या 
2011 की जनगणना के अनुसार ज़िले की कुल जनसँख्या 31,528 थी। जनसँख्या का घनत्व 2 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर है इस हिसाब से देखा जाए तो ये हिमाचल प्रदेश का सबसे छोटा ज़िला है। लिंग अनुपात 802 है। यहाँ हिन्दू और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं।